बावलिया बाबा: जिनके आशीर्वाद से बिड़ला बने देश के बड़े उद्योगपति, जानिए पूरी कहानी 👇🏻👇🏻
बिड़ला परिवार के बारे में तो शायद सभी जानते होंगे। देश के बड़े उद्योगपतियों में बिड़ला परिवार का नाम देश की आजादी के बाद से आज तक सुनने को मिलता है। लेकिन क्या आप जानते है बिड़ला परिवार की तरक्की के पीछे एक संत के दिए वरदान को माना जाता है। चलिए आज हम आपको बताएंगे उस संत (Bawaliya Baba ki Kahani) के बारें में जिसे दुनियाभर में बावलिया बाबा के नाम से पहचान मिली।
बाबा को लोग कहते थे पागल :
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे को शिव नगरी के नाम से पहचान भी इन्हीं बावलिया बाबा के कारण मिली। चिड़ावा में बावलिया बाबा का नाम परमहंस पंडित गणेश नारायण है। लेकिन एक घटना के कारण इनको भक्त बावलिया बाबा के रूप में मानने लगे। अब हम आपको बताते है साधारण से बिड़ला परिवार के बड़े उद्योगपति बनने की कहानी के बारे मे,
परमहंस पंडित गणेश नारायण का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही पंडित गणेश नारायण जी का काफी तेज दिमाग था। उन्होंने छोटी सी उम्र में वेदों का ज्ञान और ज्योतिष विद्या सिख ली। नवरात्रि में एक बार मां दुर्गा की पूजा करते समय उनकी पूजा में व्यवधान पड़ गया। इसके बाद उन्होंने पहाड़ियों में काफी समय तक मां दुर्गा की उपासना की। इसके बाद उन्होंने चिड़ावा को अपना घर बना लिया।
इनके आशीर्वाद से बिड़ला बने देश के बड़े उद्योगपति:
उनके मुख से निकली हर बात सत्य होने लगी। वो किसी भी घटना की पहले ही घोषणा कर देते थे। जब उनकी हर बात सत्य होने लगी तो लोगों ने उनको बावलिया बाबा की उपाधि दी। क्योंकि उन्होंने अपना वेश बिल्कुल ही ऐसा बना लिया था। उनकी ख्याति सुनकर पिलानी के सेठ जुगल किशोर बिड़ला रोजाना पिलानी से चिड़ावा उनके लिए खाना लेकर जाते थे।
एक बार बावलिया बाबा ने बिड़ला से कहा कि तुम अब व्यापार करने जाओ तुम्हारा समय बहुत अच्छा है। बाबा का आदेश पाकर बिड़ला उसी समय अपने व्यापार करने के लिए निकल पड़े। लेकिन रास्ते में उनको सांप दिखा तो वापस लौट आए। आकर सारी बात बावलिया बाबा को बताई। बावलिया बाबा ने कहा अगर तुम चले जाते तो चक्रवर्ती सम्राट बन जाते है। लेकिन अभी भी समय है निकल जाओ दुनिया आने वाले समय में तुम्हारा गुणगान करेंगे।
तब बिड़ला जी निकल गए। तभी से लेकर आज तक बिड़ला परिवार का नाम देश-दुनिया में छा गया। देशभर में बावलिया बाबा के करोड़ों भक्त है। राजस्थान के साथ गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में भी बावलिया बाबा के लाखों भक्त है।
No comments:
Post a Comment