#चिड़ावा - क्या आप जानते है क्या चिड़ावा में सूवर ( pig ) क्यो नही है, बल्कि चिड़ावा के आस पास के गांव में सूवर मिल जाते है।।
ये एक बावलिया बाबा के द्वारा चिड़ावा शिव नगरी को दिया गया वरदान है,, कि हमारी शिवनगरी में सूवर नही मिल सकते ।। बावलिया बाबा के बोली को सच्चा न मानकर कई लोग अनेको शहरो , गांव से सूवर लाकर चिड़ावा में छोड़ देने लगे,,
परन्तु बाबा बावलिया के वरदान सच्चा साबित हुआ सूवर 1-2 दिन से ज्यादा चिड़ावा नगरी में जीवित नही रहे।। , ऐसी कारण चिड़ावा में एक भी सूवर नही पाया जाता , यह हमारे बावलिया बाबा का वरदान है।। जय हो बावलिया बाबा #पोस्ट शेयर जरूर करें।।
ये एक बावलिया बाबा के द्वारा चिड़ावा शिव नगरी को दिया गया वरदान है,, कि हमारी शिवनगरी में सूवर नही मिल सकते ।। बावलिया बाबा के बोली को सच्चा न मानकर कई लोग अनेको शहरो , गांव से सूवर लाकर चिड़ावा में छोड़ देने लगे,,
परन्तु बाबा बावलिया के वरदान सच्चा साबित हुआ सूवर 1-2 दिन से ज्यादा चिड़ावा नगरी में जीवित नही रहे।। , ऐसी कारण चिड़ावा में एक भी सूवर नही पाया जाता , यह हमारे बावलिया बाबा का वरदान है।। जय हो बावलिया बाबा #पोस्ट शेयर जरूर करें।।
Jai bawliya baba
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